Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -06-Sep-2022... रिश्तों की बदलतीं तस्वीर..(23)

 सलोनी के घर आने के कुछ देर बाद ही उसकी माँ सुजाता ने विनी को घर पर बुलाया...। 

विनी सीधे सलोनी के पास चली गई...। कुछ देर यहाँ वहाँ की बातें करते हुवे विनी ने महसूस किया की सलोनी कुछ ज्यादा ही परेशान हैं...। 

क्या बात हैं यार.... जो तुझे मुझसे छिपानी पड़ रही हैं...! 

हम्म्.... क्या कहा...! 

मैं कबसे देख रही हूँ... तेरे पास मेरी बातों का जवाब भी नहीं हैं...। सिर्फ हम्म्.... हां... ये सब क्या हैं यार...। 

अरे कुछ नहीं बस वो...। 

देख... मुझसे अब ओर झूठ तो बोलना मत... जल्दी से बता क्या परेशानी हैं...। रवि से कुछ बात हो गई हैं क्या..? 

नहीं... नहीं... उससे कुछ बात नहीं हुई...। 

तो फिर.. बोल ना यार...। 

बताती हूँ... पर पहले तु मुझसे वादा कर... ये बात किसी को नहीं बताएगी...। 

आज तक कभी ऐसा हुआ हैं क्या यार...। 

वो विनी... दर असल मुझे एक बात की टेंशन खाए जा रहीं हैं...। वो मुझे... लगता हैं की... कहीं मैं... 

कहीं मैं... क्या....? 

वो मुझे इस बार... कुछ दिन.... ######

ओहहहह.... समझी.... लेकिन क्या तुम ओर रवि...! 

हाँ यार... वो होटल में जब हम मिले थे... और फिर सगाई के बाद भी....। 

ओके... समझ गई... लेकिन क्या तुझे सिर्फ ऐसा लगता हैं.. श्योर तो नहीं हैं ना...! क्या तुने टेस्ट किया हैं...! 

नहीं... मुझे डर लग रहा हैं यार...। 

इसमें डरने की क्या बात हैं यार...। तु टेन्शन मत ले... मैं टेस्ट करने के लिए मेडिकल स्टोर से किट लेकर आऊंगी कल..। अभी ज्यादा सोच मत... नार्मल रह..। 

थैंक्स यार...। 


इट्स ओके यार...। 


विनी सलोनी के कमरे से बाहर आई तो उसे सुजाता ने रोक लिया और पूछा... क्या हुआ... कुछ बताया सलोनी ने...। 

हां आंटी वो शादी को लेकर ही परेशान हैं और कुछ नहीं....। मैंने समझाया हैं उसे अब वो ठीक हैं...। 

ओहह.... मुझे तो टेंशन हो रही थीं...। थैक्यु विनी.... तुमने समय समय पर हमारी बहुत मदद की हैं...। 

इट्स ओके आंटी..। अच्छा अभी मै चलतीं हूँ....। बहुत लेट हो गया हैं...। 


विनी उनके घर से बाहर आई और अचानक से उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया था....। ऐसा लग रहा था जैसे किसी बात से वो बहुत ज्यादा हर्ट हुई हो....। 

वो अपने घर आई और उसने अपने आप को कमरे में बंद कर दिया...। चूंकि वो अकेली ही रहतीं थीं तो उस वक्त घर पर कोई था भी नहीं...। कुछ देर बाद वो किचन में गई और फ्रिज में से ठंडे पानी की बोतल निकालकर गट गट करके पानी पीने लगी...। लेकिन अभी भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ था..। फिर उसने एक डोर में से सिगरेट निकाली और उसे सुलगाते हुए अपने आप से बोली :- मैं तुम्हें छोड़ुगी नहीं... बहुत हो गया...। 

वो सिगरेट पीते पीते अपने घर में बैचेन होकर यहाँ वहाँ घुमती रहीं...। कुछ देर बाद वो फिर से कमरे में गई और उसने मोबाइल में किसी का नंबर डायल करते हुवे कहा :-अब तो फैसला होकर रहेगा...। 


आखिर विनी इतना गुस्से में क्यूँ थीं... और वो किसको फोन कर रहीं थीं...। 

जानते हैं अगले भाग में.. 


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6 Comments

Raziya bano

14-Oct-2022 08:46 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

14-Oct-2022 04:35 PM

बेहतरीन भाग

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shweta soni

14-Oct-2022 03:22 PM

Bahut khub 👌

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